वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />४ मार्च २०१६<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br /><br /><br /><br />प्रसंग:<br />कबीर ऐसा क्यों कहते है की गुरु और चेला का मिलन इस साधारण धरा पर नहीं चेतना की धरा पर होती है?<br />संत होने का क्या अर्थ?<br />सत्य में निवास करके ही संसार में भी निवास किया जा सकता है ऐसा क्यों बता रहे है कबीर साहब?